महानिदेशक के डेस्क से

श्रीमती कंचन देवी, भा.व.से.
महानिदेशक
आगामी आयोजन
आईएफजीटीबी, कोयंबटूर 28-30 जनवरी 2026 तक जनसंख्या और संरक्षण आनुवंशिकी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है updated: 30 May 2025
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आईसीएफआरई, देहरादून का प्रशिक्षण कैलेंडर updated: 23 May 2025
आईसीएफआरई-वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का लघु अवधि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (एसटीटीसी) कैलेंडर-2025 updated: 24 January 2025
भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन
23 से 25 जुलाई, 2025 तक केवीएफआरआई के छात्रों के लिए बीज और नर्सरी प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण पर रिपोर्ट -: 01 August 2025
31 जुलाई 2025 को आईसीएफआरई-वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में मनाए जाने वाले वन महोत्सव 2025 पर रिपोर्ट -: 01 August 2025
आईसीएफआरई-आईएफजीटीबी, कोयंबटूर द्वारा इंकासुरीना वृक्षारोपण में लकड़ी उत्पादन बढ़ाने पर हितधारकों की बैठक आयोजित की गई -: 23 July 2025
ग्री इंटेक्स 2025 में भा.वा.अ.शि.प-वन आनुवंशिकी एवं वृक्ष प्रजनन संस्थान की भागीदारी पर रिपोर्ट -: 23 July 2025
उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान , जबलपुर में 10 जुलाई 2025 को दहीमन पौधों के वृक्षारोपण काययक्रम का आयोजन ककया गया -: 14 July 2025
भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी
जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है।
जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी
पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।
कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक
वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।
मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक
देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।
देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन
उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।
बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण