भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन

 17 से 19 जुलाई 2025 तक भा.वा.अ.शि.प-व.आ.वृ.प्र.सं, कोयंबत्तूर में आयोजित और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 'बहुक्रियाशील कृषि वानिकी प्रणालियाँ: खाद्य-काष्ठ सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता में संतुलन' पर प्रशिक्षण रिपोर्ट  .:   05 August 2025

 24-25 जुलाई 2025 को भा.वा.अ.शि.प-व.आ.वृ.प्र.सं, कोयंबत्तूर में आयोजित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाएँ और वन आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन पर हितधारक कार्यशाला की रिपोर्ट  -:   05 August 2025

 23 से 25 जुलाई, 2025 तक केवीएफआरआई के छात्रों के लिए बीज और नर्सरी प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण पर रिपोर्ट  -:   01 August 2025

 31 जुलाई 2025 को आईसीएफआरई-वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में मनाए जाने वाले वन महोत्सव 2025 पर रिपोर्ट  -:   01 August 2025

 आईसीएफआरई-आरएफआरआई, जोरहाट, असम ने अपने केंद्र, आईसीएफआरई-बांस और रतन केंद्र (बीआरसी), आइजोल, मिजोरम के सहयोग से 23 से 25 जुलाई 2025 तक आईसीएफआरई-बीआरसी के वीवीके हॉल में “अन्य हितधारकों के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों की आजीविका, मुद्दों को संबोधित करने में वानिकी” पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया  -:   31 July 2025

 16 जुलाई, 2025 को, वन प्रशिक्षण स्कूल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, मिजोरम सरकार के 13 वनपाल प्रशिक्षुओं के एक समूह ने आइजोल स्थित आईसीएफआरई-बांस एवं रतन केंद्र (बीआरसी) के एक ज्ञानवर्धक दौरे की शुरुआत की  -:   31 July 2025

 आइजोल स्थित आईसीएफआरई-बांस एवं रतन केंद्र (आईसीएफआरई-बीआरसी) ने एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया: 22 जुलाई 2025 को मिजोरम के वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने का समारोह  -:   31 July 2025

 आईसीएफआरई-आईएफबी, हैदराबाद द्वारा दिनांक 25.07.2025 को प्रकृति के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री केवीएस-बोवेनपल्ली, हैदराबाद, तेलंगाना के दौरे पर रिपोर्ट  -:   31 July 2025

 आईसीएफआरई-तटीय पारिस्थितिकी तंत्र केंद्र (सीईसी), विशाखापत्तनम द्वारा आयोजित मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025 पर रिपोर्ट  -:   28 July 2025

 21 जुलाई, 2025 को दक्षिण त्रिपुरा के दलुचरा, कलाशी में आजीविका सृजन के लिए कम लागत वाली वर्मीकंपोस्टिंग तकनीकों पर प्रशिक्षण रिपोर्ट, आईसीएफआरई-आजीविका विस्तार केंद्र, अगरतला द्वारा आयोजित की गई।  -:   25 July 2025

 आईसीएफआरई-आईएफजीटीबी, कोयंबटूर द्वारा इंकासुरीना वृक्षारोपण में लकड़ी उत्पादन बढ़ाने पर हितधारकों की बैठक आयोजित की गई  -:   23 July 2025

 ग्री इंटेक्स 2025 में भा.वा.अ.शि.प-वन आनुवंशिकी एवं वृक्ष प्रजनन संस्थान की भागीदारी पर रिपोर्ट  -:   23 July 2025

 आईसीएफआरई-आजीविका विस्तार केंद्र, अगरतला द्वारा 8 से 11 अगस्त, 2025 तक पश्चिम त्रिपुरा जिले के कालीबाजार, बामुतिया में बांस उपयोगिता उत्पादों पर कौशल विकास पर प्रशिक्षण रिपोर्ट आयोजित की गई  -:   14 July 2025

 उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान , जबलपुर में 10 जुलाई 2025 को दहीमन पौधों के वृक्षारोपण काययक्रम का आयोजन ककया गया  -:   14 July 2025

  भा.वा.अ.शि.प-व.आ.वृ.प्र.सं, कोयंबत्तूर में 26 मई 2025 से 20 जून 2025 (मॉड्यूल -5) के दौरान कॉलेज के छात्रों के लिए जैविक विज्ञान में आयोजित ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप की रिपोर्ट  -:   07 July 2025

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भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी

  जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी

जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है। 

  कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक

पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।

  मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक

वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।

  देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन

देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।

  बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण

उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।

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